एक देश के विकास उनकी संपदा पर नहीं बल्कि उनके शिक्षा पर निर्भर करता है

एक देश के विकास उनकी संपदा पर नहीं बल्कि उनके शिक्षा पर निर्भर करता है
                जी हां दोस्तों मैं "यश साहू" आपको यह बताने जा रहा हूं बच्चों का विकास स्कुल से ही होता है!

 दोस्तों जैसे कि आप जानते हैं हमारे देश की शिक्षा प्रणाली कितना गंभीर है यहां के टीचर पुस्तकीय ज्ञान को ज्यादा महत्व देते हैं
हमारे देश की शिक्षा प्रणाली अन्य देशों से कितना गंभीर है..
   जिसे गंभीरता से देखा जाए तो सही नहीं है हर बच्चों को यहां आशा होता है कि उसे अच्छी से अच्छी शिक्षा मिले अच्छी से अच्छी सुविधा मिले बच्चों के मां-बाप भी बच्चों को स्कूल इसीलिए भेजते हैं कि बच्चे विकसित हो उन्हें सोचने समझने की क्षमता बढ़े पर भारत की शिक्षा प्रणाली को देखते हुए हम यह नहीं बोल सकते कि हमारा बच्चा पूर्ण शिक्षा प्रणाली को पार कर रहा है क्योंकि हम जानते हैं की यहां के टीचर पुस्तक के ज्ञान को बच्चों तक समेटना चाहते हैं
          उनको ओ विशेष प्रकार के ज्ञान नहीं दे पाते जो बच्चों को जरूरी होता है आप कहीं भी चले जाएं विभिन्न देशों में बच्चों की शिक्षा के लिए विभिन्न प्रकार के शिक्षा प्रणाली अपनाए जाते हैं जिनके तहत बच्चों को सुख सुविधा अच्छी से अच्छी टेक्नोलॉजी वाली शिक्षा मिल सके!

A human being is not attaining his full heights until he is educated.

     (बिना शिक्षा प्राप्त किये कोई व्यक्ति अपनी परम ऊँचाइयों को नहीं छू सकता.) 
Higher secondary school  temri के कुछ होनहार छात्र



लेकिन आप सबको पता है ऐसा देश जहां ज्यादा से ज्यादा लोग अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में ऐडमिशन करवाते  हैं क्योंकि सब की आर्थिक स्थिति एक समान नहीं होती


"नेल्सन मंडेला ने एक बार कहा था, “शिक्षा सबसे शक्तिशाली हथियार है जिसका उपयोग आप दुनिया को बदलने के लिए कर सकते हैं।”” शिक्षा अपने चारों ओर की चीजों को सीखने की एक प्रक्रिया है। यह हमें किसी भी वस्तु या परिस्थिति को आसानी से समझने, किसी भी तरह की समस्या से निपटने और पूरे जीवन भर विभिन्न आयामों में सन्तुलन बनाए रखने में हमारी सहायता करती है। शिक्षा सभी मनुष्यों का सबसे पहला और सबसे आवश्यक अधिकार है। बिना शिक्षा के हम अधूरे हैं, और हमारा जीवन बेकार है। शिक्षा हमें अपने जीवन में एक लक्ष्य निर्धारित करने और आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है।

यह हमारे ज्ञान, कुशलता, आत्मविश्वास और व्यक्तित्व में सुधार करती है। यह हमारे जीवन में दूसरों से बात करने की बौद्धिक क्षमता को बढ़ाती है। शिक्षा परिपक्वता लाती है और समाज के बदलते परिवेश में रहना सिखाती है। यह सामाजिक विकास, आर्थिक वृद्धि और तकनीकी उन्नति का रास्ता है।
शिक्षा


शिक्षा सभी के जीवन में, व्यक्तित्व का निर्माण, ज्ञान और कौशल में सुधार करके, एक सभ्य मनुष्य बनाने में महान भूमिका निभाती है। यह एक व्यक्ति को भले और बुरे के बारे में सोचने की क्षमता प्रदान करती है। हमारे देश में शिक्षा को तीन श्रेणियों में विभाजित किया जाता है; प्रारम्भिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, और उच्च माध्यमिक शिक्षा। यह चीजों और परिस्थितियों का विश्लेषण करने के लिए हमारे कौशल, चरित्र और पूरे व्यक्तित्व को विकसित करती है।
विद्या सर्वश्रेष्ठ धन
विद्या सर्वश्रेष्ठ धन है। इसे चोर भी चुरा नहीं सकता। जो दूसरों को देने पर बढ़ता है। शिक्षा एक व्यक्ति के जीवन में लक्ष्य को निश्चित करने के द्वारा उसके वर्तमान और भविष्य को पोषित करती है। शिक्षा के महत्व और इसकी गुणवत्ता में दिन प्रति दिन सुधार व वृद्धि हो रही है।
निष्कर्ष
हर बच्चे को अपनी उचित आयु में स्कूल अवश्य जाना चाहिए क्योंकि सभी को जन्म से ही शिक्षा प्राप्त करने का समान अधिकार प्राप्त होता है। किसी भी देश का विकास और वृद्धि, इस देश के युवाओं के लिए स्कूल और कलेजों में निर्धारित की गयी शिक्षा प्रणाली की गुणवत्ता पर निर्भर करता है। तो भी, देश के प्रत्येक क्षेत्र में, शिक्षा प्रणाली समान नहीं है, इसलिए समाज और लोगों की उचित वृद्धि और विकास नहीं हो पा रहा है।

शिक्षा जीवन के सबसे महत्वपूर्ण वस्तुओं में से एक है, जो व्यक्ति के जीवन के साथ ही देश के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। आजकल, यह किसी भी समाज की नई पीढ़ी के उज्ज्वल भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण कारक है। शिक्षा के इसी महत्व को ध्यान में रखते हुए, सरकार के द्वारा 5 साल से 15 साल तक की आयु वाले सभी बच्चों के लिए शिक्षा को अनिवार्य कर दिया गया है। शिक्षा सभी के जीवन को सकारात्मक तरीके से प्रभावित करती है और हमें जीवन की सभी छोटी और बड़ी समस्याओं का समाना करना सिखाती है। समाज में सभी के लिए शिक्षा की ओर इतने बड़े स्तर पर जागरूक करने के बाद भी, देश के विभिन्न क्षेत्रों में शिक्षा का प्रतिशत अभी भी समान है।

जीवन में शिक्षा का महत्व

हमारे जीवन में घर शिक्षा का प्रथम स्थान होता है और माता-पिता अपने बच्चों के प्रथम शिक्षक होते हैं। हर बच्चा अपनी माता से सबसे पहले बोलना सीखता हैं। माता-पिता ही वह होते हैं जो हमें शिक्षा का सही महत्व सिखाते हैं। हम धीरे-धीरे पढ़ाई करते हैं और एक-एक कर सीढी चढ़ कर अपने दसवीं तक पढाई पूरी करते हैं। परंतु जीवन में और ज्यादा ज्ञान और तकनीकी जानकारी पाने के लिए उच्च शिक्षा प्राप्त करना बहुत आवश्यक होता है। शिक्षित लड़कियों ने चिकित्सा, रक्षा सेवाओं, विज्ञान और प्रौद्योगिकी जैसे पेशावर क्षेत्रों में योगदान देकर भारतीय समाज पर सकारात्मक प्रभाव डाला है। आज की लड़कियों ने अच्छी तरह से व्यवसाय के क्षेत्र में भी योगदान दिया है और अपने घर और कार्यालय दोनों को बहुत अच्छी तरह से संभाला हैं।

पिछड़े इलाकों में शिक्षा की निजी कोशिश

पिछड़े क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए अच्छी शिक्षा के उचित लाभ प्राप्त नहीं हो रहे हैं क्योंकि उनके पास धन और अन्य साधनों की कमी है। यद्यपि, इन क्षेत्रों में इस समस्या को सुलझाने के लिए सरकार द्वारा कुछ नई और प्रभावी रणनीतियों की योजना बनाकर लागू किया गया है। शिक्षा ने मानसिक स्थिति को सुधारा है और लोगों के सोचने के तरीके को बदला है। यह आगे बढ़ने और सफलता और अनुभव प्राप्त करने के लिए आत्मविश्वास लाती है और सोच को कार्य रुप में बदलती है।

बिना शिक्षा के जीवन लक्ष्य रहित और कठिन हो जाता है। इसलिए हमें शिक्षा के महत्व और दैनिक जीवन में इसकी आवश्यकता को समझना चाहिए। हमें पिछड़े क्षेत्रों में लोगों को शिक्षा के महत्व को बताकर, इसे प्रोत्साहन देना चाहिए। विकलांग और गरीब व्यक्तियों को भी अमीर और सामान्य व्यक्तियों की तरह वैश्विक विकास प्राप्त करने के लिए, शिक्षा की समान आवश्यकता है और उन्हें समान अधिकार भी प्राप्त है। हम में से सभी को उच्च स्तर पर शिक्षित होने के लिए अपने सबसे अच्छे प्रयासों को करने के साथ ही सभी की शिक्षा तक पहुँच को संभव बनाना चाहिए। जिसमें सभी गरीब और विकलांग व्यक्ति वैश्विक आधार पर भाग ले सकें।

कुछ लोग ज्ञान और कौशल की कमी के कारण पूरी तरह से अशिक्षित रहकर बहुत दयनीय जीवन जीते हैं। कुछ लोग शिक्षित होते हैं लेकिन पिछड़े इलाकों में उचित शिक्षा प्रणाली के अभाव के कारण अपने दैनिक कार्यों के लिए धनार्जन में पर्याप्त कुशल नही होते हैं। इस प्रकार, हमें सभी के लिए अच्छी शिक्षा प्रणाली को प्राप्त करने के समान अवसर देने की कोशिश करनी चाहिए, चाहे वो गरीब हो या अमीर।

निष्कर्ष

एक देश, नागरिकों के वैयक्तिक विकास और वृद्धि के बिना विकसित नहीं हो सकता। इस प्रकार, एक देश का व्यापक विकास उस देश में नागरिकों के लिए उपलब्ध प्रचलित शिक्षा प्रणाली पर निर्भर करता है। देश में हर क्षेत्र में नागरिकों के लिए अच्छी और उचित शिक्षा प्रणाली को उपलब्ध कराए जाने के सामान्य लक्ष्य को निर्धारित किया जाना चाहिए और शिक्षा प्राप्ति के रास्ते को सुगम व सुलभ बनाए जाने के लिए हरसंभव प्रयास किया जाना चाहिए क्योंकि मात्र इसी द्वारा हमारा देश अपने चहुँमुखी विकास की ओर अग्रसर हो सकता है।


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Archana Singh :An Entrepreneur (Director, White Planet Technologies Pvt. Ltd.). Masters in Computer Application and Business Administration. A passionate writer, writing content for many years and regularly writing for Hindikiduniya.com and other Popular web portals. Always believe in hard work, where I am today is just because of Hard Work and Passion to My work. I enjoy being busy all the time and respect a person who is disciplined and have respect for others.

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